फौजी की "फैमिली"
उसनै घरां आपणे बाबू धोरै चिट्ठी लिक्खी - "बाबू, सर्दी शुरू हो-गी सैं, मेरी फैमिली नै भेज दे ।"
ईब भाई, बूढ़ा सोच में पड़-ग्या अक ये "फैमिली" के हो सै ? फिर उसनै अंदाजा लगाया अक उसनै जाड्याँ में फैमिली मंगाई सै, तै "फैमिली" का मतलब "रजाई" होवै सै ।
घर में कोई रजाई ना थी । बूढ़े नै चिट्ठी गिरवा दी - "बेटा, देख, तेरी फैमिली तै पाछले जाड्याँ में बाळकां नै पाड़ दी थी, अर तन्नै बेरा सै अक मैं तै सूं ऐं बिना फैमिली का । पर बेटा, तू कहै तै पड़ौस के भीम की फैमिली नै भेज दूँ, वा सै भी नई ए ।"
Tags: Haryanvi Jokes, फौजी जवानों पर चुटकुले


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