“लठ गाड आया”




रमलू आठवीं क्लास में लगातार दो बै फेल हो ग्या । हरेक बै वो आपणे बाबू तैं कहता - "बाबू, ईब कै तै लठ गाड आया ।"
जब तीसरी बै वो पेपर दे कै आया तै उसके बाबू नै बूझ लिया - बेटे, किसा पेपर होया ?
रमलू बोल्या - बाबू, ईब कै तै कतई लठ सा गाड आया ।
उसका बाबू बोल्या - वाह बेटे, पाछले दो लठ तै तेरे तैं पाट्टे कोनी, तू एक और गाड आया !!"




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