"कुछ तुम भी कर ल्यो"



"कुछ तुम भी कर ल्यो"

एक बै एक गाम में कुम्हार मर-ग्या, तै सारे गाम आळे अफसोस करण लागे । कुम्हारी जोर-जोर तैं रोवै थी, गाम का सरपंच बोल्या - कुम्हारी, तू क्यूं रोवै सै?
कुम्हारी बोल्ली - कुम्हार तीन दिन पहल्यां ऐं घोड़ी ल्याया था, ईब उस-पै कूण सवारी करैगा?
सरपंच बोल्या - मैं गाम का सरपंच सूं, मैं सवारी कर ल्यूंगा ।
कुम्हारी फिर जोर-जोर तैं रोवण लागी । सरपंच बोल्या - ईब के होया ?
कुम्हारी बोल्ली - कुम्हार दस दिन पहल्यां ऐं नया रेडियो ल्याया था, ईब उसनै कूण सुणैगा ?
सरपंच बोल्या - मैं गाम का सरपंच सूं, मैं सुण ल्यूंगा ।
कुम्हारी फिर रोवण लागी । सरपंच बोल्या - ईब के होया ?
कुम्हारी बोल्ली - कुम्हार के सिर पै दस हजार रुपय्ये का कर्जा सै, उसनै कूण तारैगा ?
सरपंच बोल्या - अरै गाम आळो, सब कुछ मैं ऐं करूंगा के, कुछ तुम भी कर ल्यो !!




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